नई पहल
जिन घऱ बेटी पैदा होती ;दुख के कारे बदरा आते क्या जीवन तेरा रंग अभागिन;मानो मिट्टी मोल लगाते . एक हाड़ और मांस बने है ;फिर भी इतना भेद है क्यूं बेटा है फूलों की बगिया ;बेटी काँटों की खेप है ज्यों . बेटा पहने रेशम पोषक ;बेटी चिथड़े में रानी बचपन से ही पैदा होती ;बेटी की ये नग्न कहानी . शिक्षा रूपी द…